हमारी योजनाएं

केंद्र परिवर्तित

योजना का उद्देश्य पंचायतों एवं ग्राम सभा की क्षमता व प्रभावशीलता में अभिवृद्धि पंचायतों में आम-आदमी की भागीदारी की प्रोन्नति, पंचायतों को लोकतांत्रिक रूप से निर्णय लेने एवं उत्तरदायित्व निभाने हेतु सक्षम बनाना, जानकारी एवं पंचायतों की क्षमतावृद्धि हेतु पंचायतों के संस्थागत ढांचे को मजबूत करना, 73वां संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप अधिकारों एवं उत्तरदायित्वों का पंचायतों को सुपुर्दगी, पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत जन सहभागिता, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने हेतु ग्राम सभाओं का सुदृढ़ीकरण तथा संवैधानिक व्यवस्था के पंचायतों को सशक्त रूप देना है। 

वर्ष 2017-18 की कार्ययोजना के अनुसार रूपये 38.82 करोड़ रू. का अनुमोदन प्राप्त हुए। प्राप्त आबंटन में जी.पी.डी.पी.निर्माण, विभागीय अधिकारियों के क्षमता विकास ,योजना के संचालन हेतु स्थापना, जिला पंचायत संसाधन केन्द्र की स्थापना व्यय प्रावधानित है। योजनांतर्गत कैशलेस, जल संरक्षण ,स्वास्थ्य, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, छ.ग. पंचायतीराज व्यवस्था, कामकाज संचालन नियम, पेसा अधिनियम, प्रिया साफ्ट ,प्लान प्लस , अजीविका मिशन, अनिवार्य कर, वैकल्पिक कर आदि विषय पर तथा शासन के नियम व योजनाओं के संबंध में अभी तक 1,98,444 विभिन्न पंचायत पदाधिकारियो का क्षमता विकास , कर्मचारियों प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रत्येक जिले में 02 पीको प्रोजेक्टर क्रय हेतु राशि प्रदान किया गया है। पेसा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों के लिए ग्राम सभा मोबीलाईजर हेतु संबंधित जिले को राशि उपलब्ध कराया गया है। 

प्रदेश के 21 जिले में जिला पंचायत संसाधन केन्द्र (DPRC) संचालित है। इन 21 जिला पंचायत संसाधन केन्द्र में से 11 आरजीएसए योजना के अन्तर्गत तथा शेष राज्य योजना मद से भवन निर्माण पूर्ण हुये है। डीपीआरसी में कुल स्वीकृत पद 147 भरे पद 114 है।

जिला पंचायत संसाधन केन्द्र में अप्रैल 2017 से नवम्बर 2017 तक 15739 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया जा चुका है। प्रदेश के कुल 146 विकास खण्ड है सभी में जनपद पंचायत संसाधन केन्द्र  (BPRC) संचालित है।

सभी जनपद पंचायत संसाधन केन्द्र व्ही सेट/सेट काम से जुड़े है।

जनपद पंचायत संसाधन केन्द्र (बीपीआरसी) अप्रैल 2017 से अभी तक 40499 प्रतिभागियो को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बीपीआरसी में कुल स्वीकृत पद 438 भरे, पद 292 है।

राज्य परिवर्तित

उद्देश्य:-

मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत एवं मौलिक सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए तथा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अद्योसंरचना निर्माण के कार्य स्वीकृत किये जाते है। मुख्यमंत्री ग्राम उत्कर्ष योजना, छत्तीसगढ़ ग्रामीण निर्माण योजना, ग्राम विकास योजना, छत्तीसगढ़ गौरव एवं हमारा छत्तीसगढ़ योजना का एकीकरण कर मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना प्रारंभ की गई है। योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत एवं मौलिक सुविधाओं को दृष्टिगत रखतें हुए तथा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अधोसंरचना निर्माण के कार्य स्वीकृत किये जायेगें।

प्रमुख प्रावधान:-  

ग्रामीण विकास कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य द्वारा शत-प्रतिशत राशि उपलब्ध करायी जायेगी। राज्य शासन से अनुदान प्राप्त होने पर राशि का वितरण स्वीकृत कार्यो की लागत के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर राशि सीधे संबंधित ग्राम पंचायतों को आबंटित किया जायेगा, राशि का व्यय ग्राम पंचायतों द्वारा किया जायेगा।

वित्तीय प्रावधान:-  

योजना प्रारंभ से अब तक कुल राशि रूपये 1437.80 करोड़ के 39669 के निर्माण कार्य की स्वीकृति दी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के अंतर्गत कार्यों की मानक लागत

क्र.

कार्य का नाम

अनुमोदित लागत

1.

गली कांक्रीटीकरण निर्माण (100 मीटर ) 

2.60

2.

नवीन ग्राम पंचायत भवन (मनरेगा मद से 8.15, समग्र विकास से 5.00 एवं अन्य मद से 1.00 लाख)

(अभिरसरण से) 14.15 लाख

5.00

3.

नाली निर्माण (100 मीटर ) (मनरेगा मद से 40%, समग्र विकास से 40% एवं 14 वें वित्त से 20% लाख)

(ODF में अभिरसरण से)

1.97

4.

मिनी स्टेडियम निर्माण 51.24 लाख (समग्र विकास से 31.61 लाख मनरेगा मद से 19.63 लाख) (अभिरसरण से)

31.61

5.

निर्मलाघाट निर्माण

2.60

6.

मुक्तिधाम एवं प्रतिक्षालय शेड निर्माण

4.79

7.

आंगनबाड़ी भवन निर्माण (बाउण्ड्रीबाल सहित)

6.00

क्र.

कार्य का नाम

अनुमोदित लागत

8.

पी. डी. एस. शॉप (उचित मूल्य की दुकान)

7.00

9.

कांजी हाऊस भवन निर्माण

3.22

10.

सामुदायिक भवन निर्माण

6.50

11.

व्यवसायिक परिसर निर्माण ( 5 दुकान 50 मी. नाली एवं 50 मी. सी.सी.रोड)

8.92

12.

तालाब सौन्दर्यीकरण निर्माण

2.00

13.

विद्युत विहीन ग्राम पंचायत भवनों में सोलर प्लांट

1.52

14.

अटल समरसता भवन

19.39

15.

चौक सौन्दर्यीकरण निर्माण

1.30

 

 

कार्यो की अनुशंसा एवं क्रियान्वयन:-

  • प्रत्येक ग्राम पंचायत में अधिकतम राशि रूपये 20.00 लाख तक के निर्माण कार्य स्वीकृत किये जायेगें।
  • ऐसी ग्राम पंचायतें जहां अटल समरसता भवन, मिनी स्टेडियम, पंचायत भवन एवं मान. मुख्यमंत्रीजी घोषणा अनुसार कार्य लिया जाना है, ऐसे ग्राम पंचायतों के लिए राशि की सीमा शिथिल की जा सकेगी।

राज्य में जिला पंचायतों को उनके क्षेत्रों की मूलभूत मौलिक सुविधाओं की पूर्ति करने तथा कृत्यों के निवर्हन के लिए उन्हें सक्षम एवं सशक्त बनाने हेतु जिला पंचायत विकास निधि योजना वर्ष 2016-17 में प्रारंभ की गई है। योजना के अंतर्गत राज्य द्वारा शत-प्रतिशत राशि उपलब्ध करायी जाती है। 

जिला पंचायत विकास निधि का आबंटन 04 विकासखण्ड तक के जिलों के लिए प्रति वर्ष रूपये 1.00 करोड तथा 05 या इससे अधिक विकासखण्ड वाले जिलों को प्रति वर्ष रूपये 2.00 करोड़ के मान से प्रदाय की जाती है। योजना के अंतर्गत लिये जाने वाले कार्यो का अनुमोदन जिला पंचायत से किये जाने के उपरांत कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा जारी की जाती है।    

 वर्ष 2016-17 में जिला पंचायत विकास निधि योजना हेतु रूपये 45.00 करोड़ प्रावधानित था, उक्त प्रावधानित बजट के विरूद्ध रूपये 44.00 करोड़ समस्त जिला पंचायतों को प्रदाय किया जा चुका है। वर्ष 2017-18 में जिला पंचायत विकास निधि योजना हेतु रूपये 45.00 करोड़ प्रावधानित रहा है, उक्त प्रावधानित बजट के विरूद्ध रूपये 44.00 करोड़ जिला पंचायतों को प्रदाय किया गया है।

योजना का नाम

उद्देश्य            

वित्तीय प्रावधान

भौतिक उपलब्धि

ज़िला पंचायत विकास निधि

  • जिला पंचायत योजनान्तर्गत अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना
  • स्थानीय

आवश्यकताओं के अनुरूप अधोसंरचना निर्माण के कार्यों की स्वीकृति

  • क्षेत्रांतर्गत पिछड़े हुए ग्रामों में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन करना
  • जिला पंचायत के विकास हेतू प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष रूप से जोड़ना

4 विकासखण्डों वाले जिला पंचायतों को रू. 01-01 करोड़ प्रतिवर्ष तथा 5 या 5 से अधिक विकासखण्डों वाले जिला पंचायतों को रू. 02-02 करोड़ प्रतिवर्ष ।

 

इस वित्तीय वर्ष में रू. 45.00 करोड़ का प्रावधान रखा गया है ।

 

कार्यों का चयन जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में किया जायेगा ।

कार्यों की प्राथमिकता:-

  • विभिन्न योजनाओं से अभिसरण के कार्य
  • ओ.डी.एफ ग्रामों में निर्माण कार्य
  • पेयजल तथा स्वच्छता के कार्य
  • ऐसे कार्य जो अन्य योजनाओं के कार्य योजना में शामिल नहीं है ।
  • शासकीय भवनों / पंचायतों के मरम्मत / संघारण
  • जल संरक्षण/संवर्द्धन के कार्य सांसद/विधायक आदर्श ग्राम तथा रूरबन ग्रामों में कार्य ।
  • पंचायत के बड़े पेड़ों के चबूतरा निर्माण
  • तालाब मेड़ पर पीचिंग (बोल्डर से)

 

 

 

छत्तीसगढ. पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 50 की तहत् जनपद पंचायतों को उनके मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति तथा कृत्यो के र्निवहन के लिए सक्षम एवं सुदृढ बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से ‘‘जनपद पंचायत विकास निधि योजना‘‘ नवीन योजना प्रांरभ की जा रही है जिसके लिए प्रति जनपद पंचायत रू. 50.00 लाख के मान से कुल राशि 7300.00 लाख का आबंटन प्रावधानित है जिसे जिलो को आंबटित किया जा चुका है।

योजना का नाम

उद्देश्य            

वित्तीय प्रावधान

भौतिक उपलब्धि

जनपद पंचायत विकास निधि

  • जनपद पंचायत योजनान्तर्गत अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना
  • स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अधोसंरचना निर्माण के कार्यों की स्वीकृति
  • क्षेत्रांतर्गत पिछड़े हुए ग्रामों में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन करना
  • जनपद पंचायत के विकास हेतू प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष रूप से जोड़ना

जनपद पंचायतों को रू. 50.00 लाख प्रतिवर्ष वित्तीय वर्ष में राशि रूपये 73.00 करोड़ का प्रावधान रखा गया है ।

कार्यों का चयन जनपद पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में किया जायेगा ।

कार्यों की प्राथमिकता:-

  • विभिन्न योजनाओं से अभिसरण के कार्य
  • ओ.डी.एफ ग्रामों में निर्माण कार्य
  • पेयजल तथा स्वच्छता के कार्य
  • ऐसे कार्य जो अन्य योजनाओं के कार्य योजना में शामिल नहीं है ।
  • शासकीय भवनों / पंचायतों के मरम्मत / संघारण
  • जल संरक्षण/संवर्द्धन के कार्य
  • सद/विधायक आदर्श ग्राम तथा रूर्बन ग्रामों में कार्य ।
  • पंचायत के बड़े पेड़ों के चबूतरा निर्माण  
  • तालाब मेड़ पर पीचिंग (बोल्डर से)

 

 

छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 49 के अंतर्गत बने प्रावधान अनुसार ग्राम पंचायतों को मूलभूत कार्यो के संपादित करने का दायित्व सौंपा गया है।

2. राज्य शासन द्वारा द्वितीय छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा को मान्य करते हुए राज्य के स्वयं के शुद्ध कर राजस्व का 6.15 हिस्सा ग्राम पंचायतों के मध्य उनकी जनसंख्या वर्ष 2011 अनुसार वितरण करने का प्रावधान किया गया है। इसमें से प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र की 5050 ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष राशि रुपये 2.00 लाख प्रदाय करने का प्रावधान है।

3. विभागीय पत्र क्रं. 349 दिनांक 13.07.2017 के अनुसार इस योजनान्तर्गत कराए जाने वाले 31 कार्य तथा प्रतिबंधित 12 कार्यो की सूची जारी की गई है।

4. विभागीय पत्र क्रं. 74 दिनांक 26.02.14 के द्वारा ग्राम पंचायतों को राशि 10 दिवस के अन्तर्गत इलेक्ट्रानिक विधि से ट्रांसफर करने के निर्देश है।

मूलभूत कार्यो के लिए अनुदान योजनांतर्गत प्रतिबंधित कार्य

1. स्थानीय उत्सव पर व्यय ।

2. धार्मिक स्थल में निर्माण/मरम्मत पर व्यय ।

3. स्वागत/प्रवेश द्वार निर्माण पर व्यय ।

4. निर्माण कार्यो का शिलान्यास/लोकार्पण/भूमि पूजन/मंत्रीय कार्यक्रम पर व्यय।

5. सरपंच/पंच के राज्य स्तरीय सम्मेलन के आवागमन पर व्यय।

6. जनसमस्या निवारण शिविर/ग्राम सुराज अभियान आयोजन पर व्यय ।

7. किसी परिवार/व्यक्ति को सहायता/अनुदान राशि पर व्यय ।

8. ऐसी योजना के प्रचार-प्रसार, फोटोकापी, स्टेशनरी पर व्यय जिसमें ऐसे कार्य हेतु पृथक से प्रावधान हो।

9. ग्राम पंचायत स्तर पर किसी भी प्रकार के विज्ञापन प्रकाशन पर व्यय ।

10. उच्च अधिकारियों के मौखिक निर्देश पर राशि का व्यय ।

11. टेलीविजन/एल.सी.डी./मोबाइल फोन क्रय करने पर व्यय ।

12. शासकीय/सार्वजनिक भवनों में तड़ित चालक लगाने हेतु व्यय।

मूलभूत योजनांतर्गत ग्रामसभा के अनुमोदन से कराये जाने वाले कार्य

1. नल जल योजना/स्पाट सोर्स/हैण्ड पंपों के सुधार व्यवस्था पर व्यय।

2. गाँव गंगा योजना के अन्तर्गत खोदे गये ट्यूब वेल में पंपों की स्थापना।

3. ग्राम में स्थापित हैण्ड पंप के निकट नाली/हौदी का निर्माण।

4. जरुरत मंद व्यक्तियों के लिये उचित मात्रा में निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था। इसके अन्तर्गत यह सुनिश्चित किया जावे कि प्रत्येक ग्राम में एक क्ंिवटल चावल सदैव उपलब्ध रहें। 

5. ग्रामीण सचिवालय/ ग्राम पंचायत के संचालन के लिए लेखन सामग्री आदि पर व्यय हेतु अधिकतम रुपये पाँच हजार प्रतिवर्ष व्यय किया जा सकेगा।

6. स्वामी आत्मानंद वाचनालय हेतु पुस्तकों की व्यवस्था के साथ-साथ दैनिक राष्ट्रीय समाचार पत्र एवं पत्रिकाए के क्रय पर अधिकतम रुपये सात हजार प्रतिवर्ष व्यय किया जा सकेगा।

7. अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तियों के मजरे टोले में सड़क बत्ती कनेक्शन का विस्तार।

8. छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक /एफ/10-43/2003 /1/5, दिनांक 06 जनवरी 2004 द्वारा दिये गये निर्देशानुसार ग्राम पंचायत भवन/कार्यालय में राष्ट्रीय नेताओं की तस्वीर लगाने पर व्यय किया जा सकेगा।

9. ग्राम पंचायत की परिसम्पत्ति के अन्तर्गत समस्त भवन जो पंचायत के आधिपत्य में हैं, की मरम्मत/ रखरखाव एवं वार्षिक रंगरोगन पर व्यय किया जा सकता है। बशर्ते कि ऐसी सम्पत्ति के रखरखाव /मरम्मत/ रंगरोगन हेतु किसी अन्य स्त्रोतों से राशि प्राप्त न हुई हो।

10. ग्राम पंचायत के क्षेत्रान्तर्गत शासकीय/सार्वजनिक भवनों में निःशक्तजनों के लिये रेम्प निर्माण/मरम्मत।

11. महामारी/प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम के अन्तर्गत अधिकतम व्यय राशि रुपये 5000/- व्यय किया जा सकेगा बशर्ते कि इस कार्य हेतु अलग से राशि प्राप्त नहीं हो।

12. ऐसे अधूरे अधोसंरचना निर्माण/मरम्मत कार्य पर व्यय जो पूर्व सरपंच/सचिव के बकायादार रहने पर पूर्ण न हो सके हों बशर्ते कि बकायादार से राशि वसूल की जाकर पंचायत में जमा की गयी हो।

13. नशा मुक्ति उन्मूलन कार्यक्रम के आयोजन पर ग्राम पंचायत अधिकतम राशि रुपये 500/- तक व्यय कर सकेगी बशर्ते कि इस कार्य हेतु अलग से राशि प्राप्त नही हो।

14. कुपोषण मुक्ति संबंधी कार्यक्रम के आयोजन पर ग्राम पंचायत अधिकतम राशि रुपये 1000/- व्यय कर सकेगी बशर्ते कि इस कार्य हेतु अलग से राशि प्रदान हो।

15. कूड़ादान निर्माण/सार्वजनिक कुंओं की साफ-सफाई/ सुलभ शौचालय, स्कूल, आंगनबाड़ी, छात्रावास, ग्राम पंचायत भवनों में निर्मित शौचालयों की मरम्मत/संधारण पर व्यय के साथ-साथ ग्राम पंचायतों के द्वारा ऐसे कार्य जो तात्कालिक आवश्यकता के हैं यथा सड़क में मुरूम भराई गड्ढ़ो की भराई तालाबों की साफ-सफाई इत्यादि पर एक बार में राशि रूपये 25000/-(रूपये पच्चीस हजार) तथा एक वर्ष में रूपये 50,000/-(रूपये पचास हजार) अधिकतम व्यय ग्राम पंचायत ग्राम सभा के अनुमोदन से कर सकेगी।

16. राष्ट्रीय पर्व में मिष्ठान वितरण पर व्यय (प्रति व्यक्ति रुपये 10 से अधिक व्यय न हो)।

17. विभिन्न प्रकार के मानदेय जैसे कार्यो पर व्यय (विशेष ग्राम सभा के   अनुमोदन से) ।

18. प्रति ग्रामसभा आयोजन हेतु रुपये 2000/- तक का व्यय किया जा सकेगा। इस व्यय के अंतर्गत ग्राम सभा के प्रचार-प्रसार (पाम्पलेट/माईक) टेन्ट (कुर्सी/दरी/कनात इत्यादि), स्वल्पाहार आदि होगें।

19. ई-पंचायत से संबंधित प्रासंगिक व्यय ।

20. ऐसी योजनाओं से संबंधित प्रचार-प्रसार हेतु दीवाल लेखन कार्य, जिसमें राशि प्राप्त नहीं होती है।

21. कांजी हाउस संचालन व्यवस्था पर व्यय ।

22. पशु चिकित्सा शिविर आयोजन पर व्यय बशर्ते पशु चिकित्सा विभाग से राशि प्राप्त न हो ।

23. आकस्मिक परिस्थिति में मार्ग संधारण/रख-रखाव पर व्यय ।

24. सड़क बत्ती में एल.ई.डी. ट्यूब लाईट/बल्ब/विद्युत इन्स्ट्रूमेंट लगाने पर व्यय । 

25. विभिन्न स्तर के निर्वाचन पर प्रासंगिक व्यय ।

26. संकुल स्तरीय खेलकूद, ब्लाक स्तरीय खेलकूद पर व्यय बशर्ते कि इस कार्य हेतु अलग से राशि प्राप्त नहीं हुई हो।

27. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय में अध्ययनरत बालक/ बालिकाओं को पानी पिलाने हेतु घड़ा, ड्रम, बाल्टी, मग्गा, आदि पर व्यय।

28. जिन ग्राम पंचायतों में 3जी / 2जी डोंगल के माध्यम से इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी वहाँ डोंगल का क्रय एवं उसके मासिक रिचार्ज पर व्यय किया जा सकेगा।

29. ग्राम पंचायत अंतर्गत संचालित स्कूल में अनुपयोगी शौचालयों के संधारण/मरम्मत पर व्यय बशर्ते कि इस कार्य हेतु अलग से राशि प्राप्त नहीं हुई हो।

30. ग्राम पंचायत केवल एक बार रूपये 500/- (पांच सौ रूपये) तक का ट्रांजिस्टर/रेडियो क्रय कर सकेगी ।

31. ग्राम पंचायत क्षेत्रान्तर्गत वर्ष में अधिकतम रूपये 10000/- (दस हजार रूपये) वर्षाकाल के पश्चात मुरूमीकरण पर व्यय ग्राम पंचायत ग्राम सभा के अनुमोदन से कर सकेगी ।

उपरोक्त कण्डिका-2 में प्रतिबंधित कार्यो को छोड़कर यदि स्थानीय परिस्थितियों/ आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए कोई अन्य कार्य जो पंचायत राज अधिनियम की धारा 49 में उल्लेखित हैं, लिया जाना आवश्यक हो तो ऐसे कार्यो के प्रस्ताव, ग्राम पंचायत में पारित कर ग्रामसभा के अनुमोदन से किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री पंचायत सशक्तिकरण योजना वर्ष 2015-16 से प्रारंभ की गई है। योजना अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में रू. 18.00 करोड़ का बजट प्रावधानित है। मुख्यमंत्री पंचायत सशक्तिकरण योजना की कार्ययोजना में त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं में सदस्यों का प्रशिक्षण, अध्ययन भ्रमण, ग्राम पंचायत सचिव का प्रशिक्षण, डीपीआरसी, बीपीआरसी, क्षेत्रीय ग्रामीण प्रशिक्षण संस्थान के लिये स्थापना व्यय का प्रावधान है। योजना के अन्तर्गत क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्था, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत संसाधन केन्द्र को स्थापना व्यय हेतु रू. 273.63 लाख का आबंटन दिया गया है। इसके अतिरिक्त पंचायत पदाधिकारियों का अध्ययन भ्रमण हेतु संचालक ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रधिक्षण संस्थान निमोरा रायपुर को रू.139.32 लाख उपलब्ध कराया गया है। योजना के अन्तर्गत संस्थान द्वारा अभी तक गुजरात में 90, तेलंगाना में 120 एवं महाराष्ट्र में 120 सदस्यों को अध्ययन भ्रमण कराया जा चुका है। पंचायत सचिवों के प्रशिक्षण हेतु जिला पंचायत कोरबा, गरियाबंद, राजनांदगांव, कबीरधाम, बीजापुर एवं जशपुर को रू. 60.00 लाख उपलब्ध कराया गया है। 

योजना अंतर्गत राज्य में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप गांव की गलियों में आंतरिक विद्युतीकरण के कार्य अनुशंसित किये जाते है। सामान्यतः ग्रामों तक तो विद्युत सुविधा उपलब्ध हो जाती है किन्तु गांव की आंतरिक गलियों में विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस समस्या को दृष्टिगत रखते हुए यह योजना प्रारंभ की गयी है। योजना में गली आंतरिक विद्युतीकरण कार्य हेतु शत-प्रतिशत राशि शासन द्वारा उपलब्ध करायी जाती है तथा कार्य का निष्पादन छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा किया जाता है।


योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 में रूपये 6.00 करोड प्रावधानित था। प्रावधानित राशि के विरूद्ध कुल 111 आंतरिक गलियों में विद्युतीकरण के कार्यो के लिए रूपये 599.28 करोड़ की अनुशंसा जारी की गई। 


वित्तीय वर्ष 2016-17 में रूपये 50.00 करोड बजट प्रावधान किया गया है। प्रावधानित राशि में से ग्रामीण क्षेत्रों में 1191 आंतरिक गलियों में विद्युतीकरण के कार्यो लिए रूपये 60.00 करोड़ की अनुशंसा जारी की जा चुकी है।

वर्ष 2017-18  में राशि रू. 15.00 करोड़ का बजट प्रावधान है । शासकीय आवास एवं रिहायशी परिसर भवन संधारण, कम्प्युटर लैब, प्रोजेक्टर रेडियो प्रोग्राम, डीपीआरसी / बीपीआरसी ब्वान में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा,  146 जनपद पंचायत संसाधन केन्द्र हेतु फर्निशिग आदि कार्यो के लिए राशि रू. 6.92 करोड जारी किया जा चुका है।

संचालनालय के पत्र क्रमंाक-369, दिनंाक-11.10.2017 एवं पत्र दिनांक-30.10.2017 के द्वारा संचालक एस.आई. आर.डी. निमोरा को राशि रू.3.95 करोड रेडियो प्रोग्राम, टेक्निकल इक्युपमेंट, स्टूडियो लाईट, कम्प्यूटर लैब, डी.पी.आर.सी. इक्युपमेंट आदि कार्य के लिए जारी किया गया।

उद्देश्य:-

  •  प्रदेश के ग्रामीण युवाओं में सकारात्मक एवं सृजनात्मक सोच का विकास करना व नैतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना एवं सामाजिक सारोकार की की भावना विकसित करना तथा सामाजिक विकास में उनकी सह-भागिता को प्रोत्साहन करना।
  • युवाओं में आपसी मेलजोल को बढ़ावा देना एवं समाज में रचनात्मक भूमिका का निर्वाह करने हेतु उनकी नेतृत्व व संगठनात्मक क्षमताओं का विकास करना।
  • पर्यावरण संरक्षण, मानव विकास, कृषि विकास सामुदायिक परम्पराओं के संरक्षण, आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रदेश के युवाओं की स्वयंसेवी सह-भागिता को प्रोत्साहित करना।
  • पंरम्परागत सांस्कृतिक विधाओं,ग्रामीण खेलकूद, ऐतिहासिक धरोहर एवं देशज ज्ञान का संरक्षण करना।

वित्तीय व्यवस्था:-

10.00 करोड़ रूपये का प्रावधान वर्ष 2017-18 में 10 जिलों के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को रूपये 40-40 लाख प्रदाय किये गये हैं।

प्रशासकीय स्वीकृतिः- प्रस्तावित कार्यक्रमों/कार्ययोजना का अनुमोदन जनपद पंचायत की सामान्य सभा द्वारा किया जावेगा।

कार्य योजना:- विकास खण्ड स्तर पर युवा प्रोत्साहन केन्द्र स्थापित होंगे। नेशनल युथ कोष के माध्यम से युवाओं को चिन्हांकित किया जाना।

देश के नक्शे पर 26 वें राज्य के रूप में एक नवंबर 2000 को अस्तित्व में आये छत्तीसगढ़ राज्य ने गठन के बाद से विशेष तौर पर पिछले 13-14 वर्षों में तीव्र गति से विकास किया है। छत्तीसगढ़ के विकास को निर्वाचित जनप्रतिनिधि करीब से देखें और वे अपने राज्य पर गर्व कर सकें, इसी उद्देश्य से राज्य में 01 जुलाई 2016 से ‘‘हमर छत्तीसगढ़ योजना’’ प्रारंभ की गयी है, जो 30 जून 2018 तक संचालित होगी।

  • हमर छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत राज्य के सभी 27 जिलों की 10976 ग्राम पंचायतों तथा 111 नगर पंचायतों के लगभग 2.00 (दो लाख) प्रतिनिधियों को दो दिन के प्रवास पर रायपुर लाया जा रहा है। हमर छत्तीसगढ़ योजना अंतर्गत 02 अक्टूबर 2016 से सहकारी समिति के निर्वाचित प्रतिनिधियों को भ्रमण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। प्रतिनिधियों को ठहराने हेतु राज्य होटल प्रबंध संस्थान उपरवारा का चयन किया गया है जहां पंचायत प्रतिनिधियों के लिए आरामदायक व्यवस्था किया गया  है।

 

  • शहर और गांव के बीच की दूरी कम हो, गांव से निर्वाचित प्रतिनिधि अपने गांव से आकर नया रायपुर देखें और प्रत्यक्ष रूप से उपलब्धियों और प्रशासनिक व्यवस्थाओं से रूबरू हों इस उद्देश्य से हमर छत्तीसगढ़ योजना प्रारंभ की गयी है। अपने ढंग की इस अनूठी और लंबे समय तक चलने वाली योजना के माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त किया जा रहा है। हमर छत्तीसगढ़ योजना में आने वाले प्रतिनिधि अपने साथ गांव से पानी, वहां की मिट्टी और पौधा लाकर नया रायपुर के बाॅटनीकल गार्डन और अन्य स्थानों पर रोपते हैं। यह उस भावना का विस्तार करता है जो बताती  है कि राजधानी में हमारी भी हिस्सेदारी है।

 

  • योजनांतर्गत 01 जुलाई 2016 से 31 दिसंबर 2017 तक कुल 1,16,615 प्रतिनिधि भ्रमण पर आ चुके है, जिसमें 1,10,159 त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि तथा 6456 सहकारी समिति के निर्वाचित प्रतिनिधि सम्मिलित हैं। इस योजनान्तर्गत पंचायत संचालनालय द्वारा वर्ष 2016-17 में कुल राशि रूपये 15.00 करोड़ एंव वर्ष 2017-18  में कुल राशि रूपये 15.10 करोड़ प्रावधानित की गयी है।

 

  • पंचायत प्रतिनिधियों को उनके गंतव्य के रास्ते में पड़ने वाले पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण के साथ ही छत्तीसगढ़ में हुए विकास कार्यों से परिचित कराते हुए विधानसभा, मंत्रालय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय,  सेंटर, बॉटनीकल गार्डन, जंगल सफारी, पुरखौती मुक्तागंन, ऊर्जा पार्क, इमर्सिव 5 डी डोम ,मंहत घासीदास संग्रहालय और स्वामी विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, दुग्द्य महासंघ, शहीद वीरनारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, चंपारण, राजिम के साथ ही अतिथियों के कहने पर भिलाई स्टील प्लांट एवं अन्य भ्रमण स्थलों का भ्रमण प्रशिक्षित गाईडों के माध्यम से कराते हुए वहां की विशेषताओं से रूबरू कराया जा रहा है।

 

  • संध्याकाल के समय प्रतिनिधियों के मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन हेतु प्रथम दिवस पुरखौती मुक्तागंन के सांस्कृतिक मंच पर बहुरंगी लाईट एंड सांऊड शो का आयोजन किया जाता है तथा दूसरे दिवस आवासीय परिसर के सांस्कृतिक मंच पर छत्तीसगढ़ के लोक कला के कलाकारों के द्वारा लोक नृत्य/लोक नाट्य/लोक गान/प्रहसन के माध्यम से शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है।

 

  • आवासीय परिसर में जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास एवं योजनाओं की जानकारी दी जाती है। आवासीय परिसर में होलोग्राफिक प्रोजेक्शन तकनीकी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य के विकास कार्यों, योजनाओं की जानकारी दी जाती है।

 

  • भ्रमण में आने वाले प्रतिनिधियों को प्रातःकाल प्रशिक्षित योग शिक्षकों के द्वारा योग का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रतिनिधियों को अपने गांव में जाकर योग के ज्ञान को घर-घर फैलाने एवं स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक रहने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

 

  • भ्रमण में आने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को शासन की विभिन्न योजनाओं से परिचित कराने के लिए दोपहर के समय आवासीय परिसर में राज्य स्तरीय प्रषिक्षकों एवं अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रषिक्षण में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, विधि विभाग की सहभागिता होती है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र की समस्याओं एवं सुझावों की जानकारी निर्धारित प्रारूप में ली जाती है और इसे प्रति दिवस अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशन में संबंधित विभागों को निराकरण हेतु भेजा जाता है।
  • परिसर में आने वाले पंचायत/सहकारिता के निर्वाचित प्रतिनिधियों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदाय करने हेतु राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा ‘‘विधिक सहायता सेल’’ का शुभारंभ किया गया है। जहां प्रतिनिधि विशेषज्ञों के माध्यम से अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी लेते हैं।

 

  • हमर छत्तीसगढ़ योजना से प्रभावित होकर देश के अन्य राज्य के विशिष्ट अतिथि अवलोकन हेतु निरंतर आवासीय परिसर पहुंच रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2016 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा हमर छत्तीसगढ़ योजना अंतर्गत भ्रमण हेतु आये हुए प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनसे योजना के संबंध में जानकारी ली गयी। राजस्थान के पंचायत राज एवं लोक निर्माण विभाग के मंत्री एवं उनके साथ प्रतिनिधि मंडल ने हमर छत्तीसगढ़ आवासीय परिसर का अवलोकन किया गया। इसी तरह उत्तरप्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत चौधरी एवं श्री अतुल गर्ग, जम्मू कश्मीर के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री चौधरी जुल्फीकार अली, केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र तोमर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत भ्रमण पर आये।

 

  • बिहार राज्य के तात्कालीन राज्यपाल एवं वर्तमान राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद का भी आवासीय परिसर में आगमन हुआ। राज्योत्सव 2017 में उपराष्ट्रपति श्री वैकेंया नायडू ने भी योजना की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। भारत सरकार के पंचायत राज सचिव श्री जे.एस. माथुर एवं संयुक्त सचिव श्री अतुल तिवारी ने हमर छत्तीसगढ़ योजना का अवलोकन कर योजना की जानकारी ली।

 

  • पंचायत प्रतिनिधियों को उनकी राजधानी प्रवास की स्मृति संजोकर रखने के लिए उन्हें समूह फोटो फ्रेम करा कर दी जाती है।  हमर छत्तीसगढ़ में आने वाले प्रतिनिधियों को राज्य के समग्र विकास के परिकल्पना को साकार करने हेतु नेतृत्व व विकास की एक नई समझ विकसित कर रहा है।

 

हमर छत्तीसगढ़ योजनान्तर्गत आने वाले जनप्रतिनिधियों की विस्तृत जानकारी 31 दिसंबर 2017 की स्थिति में –

1.

पंचायत प्रतिनिधियों की कुल संख्या

116615

2.

कुल महिला प्रतिनिधियों की संख्या

39237

3.

कुल पुरूष प्रतिनिधियों की संख्या

70922

4.

कुल जिलों की संख्या

27

5.

कुल विकासखण्डों की संख्या

146

6.

कुल ग्रामों की संख्या

13683

7.

कुल सरपंचों की संख्या

6127

8.

कुल उपसरपंचों की संख्या

3950

9.

कुल पंचों की संख्या

65509

10.

कुल जनपद अध्यक्ष/उपाध्यक्ष की संख्या 

56

11.

कुल जनपद सदस्य की संख्या

395

12.

कुल भूतपूर्व प्रतिनिधियों की संख्या

15097

13.

कुल पार्षद एवं एल्डरमैन

358

 

सहकारिता विभाग

 

1.

सहकारिता प्रतिनिधियों की कुल संख्या   

6456

2.

कुल महिला प्रतिनिधियों की संख्या

424

3.

कुल पुरूष प्रतिनिधियों की संख्या

6032

4.

कुल अध्यक्षों की संख्या

488

5.

कुल उपाध्यक्षों की संख्या

388

6.

कुल सदस्यों की संख्या

3401

7.

कुल संचालकों की संख्या

1808

8.

कुल प्रबंधकों की संख्या

100

ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे परिवार जो सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 के आंकड़े के अनुसार जो स्वतः शामिल सूचकांक के आधार पर गरीब परिवार के रूप में शामिल हैं तथा ऐसे परिवार जो किसी ना किसी वंचन सूचकांक में शामिल हैं, परिवार के मुखिया या किसी कमाऊ सदस्य की मृत्यु होने पर 24 घंटे के भीतर मृतक के अंतिम संस्कार के लिये मृतक परिवार को रूपये 2,000/- तत्काल एकमुश्त वित्तीय सहायता प्राप्त करने की पात्रता होगी।

पंचायत विभाग द्वारा प्रदेश की सूखाग्रस्त तहसीलों के ग्रांमों/ग्राम पंचायतों में जरूरतमंदों व्यक्तियों के लिए निःशुल्क आनाज उपलब्ध कराने की योजना है। इस योजना अनतर्गत मूलभूत की राशि से जरूरतमंद व्यक्तियों को उचित मात्रा में निःशुल्क खाद्यन्न की उपलब्धता हेतु प्रत्येक ग्राम में कम से कम 01 क्विण्टल चावल सदैव उपलब्ध रहेगा। आवश्यकतानुसार सरपंच/उपसरपंच या संबधित ग्राम के वार्ड के पंच के प्रमाणिकरण के आधार पर तत्काल 05 किलो आनाज जरूरतमंद व्यक्ति को निःशुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह हेतु माननीय मुख्यमंत्रीजी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें माननीय मंत्रीजी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि मंत्री, खेल मंत्री, कौशल विकास मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा मुख्य सचिव सदस्य हैं।
  • जन्मशती समारोह के आयोजन हेतु राज्य सरकार ने अपने बजट से रू. 13 करोड़ का प्रावधान किया है।
  • पं.दीनदयाल उपाध्याय सम्पूर्ण वाडमय किताब को 10976 ग्राम पंचायत 146 जनपद पंचायत तथा 27 जिला पंचायतों को वितरित किया गया है।
  • कार्यक्रम के तहत दिनांक 15 सितम्बर से 25 सितम्बर 2017 तक पूरे प्रदेश में 11 दिन का जन्मशती समारोह मनाया गया।
  • पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिनांक 25/09/2017 को प्रदेश के 10976 ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया।
  • दिनांक 25/09/2017 को आयोजित ग्राम सभा में पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जीवनी का वाचन किया गया तथा वर्ष 2022 तक नवीन भारत के निर्माण का संकल्प दिलाया गया।

शिक्षक (पं.) संवर्ग की जानकारी

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में शिक्षक (पं.) संवर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं द्वारा की जाती है। व्याख्याता (पं.) एवं शिक्षक (पं.) की नियुक्ति संबंधित जिला पंचायत तथा सहायक शिक्षक (पं.) की नियुक्ति संबंधित जनपद पंचायतों द्वारा की जाती

            शिक्षक (पं.) संवर्ग के कर्मचारियों से संबंधित जानकारी निम्नानुसार हैः-

  शिक्षक पं संवर्ग स्वीकृत पद      भरे पद

रिक्त पद

अ.

व्याख्याता (पं.)    - 34501 25576

8925

ब.

शिक्षक (पं.)संवर्ग - 47373  39453

7920

स.

सहायक शिक्षक (पं.) - 82066 77628

4438

  योग - 163940 142657

21283

शिक्षक (पंचायत) संवर्ग का वर्गवार वेतनमान

  • 07 वर्ष  तक सेवा अवधि वाले शिक्षक (पंचायत) संवर्ग का वेतनमान

क्र.

वर्ग

वेतनमान

1.

व्याख्याता (पंचायत)

5300-150-8300

2.

शिक्षक (पंचायत)

4500-125-7000

3.

सहायक शिक्षक (पंचायत)

3800-100-5800

 

उक्त वेतनमान के साथ 143 प्रतिशत मंहगाई भत्ता, 5 प्रतिशत अतिरिक्त मंहगाई भत्ता, 15 प्रतिशत विशेष भत्ता एवं वेतनमान के न्यूनतम मूलवेतन का 20 प्रतिशत अंतरिम राहत भुगतान किया जा रहा है।

ब.   07 वर्ष से 08 वर्ष तक सेवा अवधि वाले शिक्षक (पंचायत) संवर्ग को समयमान वेतनमान-

क्र.

वर्ग

वेतनमान

1.

व्याख्याता (पंचायत)

7000-200-30000+4500 अध्यापन भत्ता

2.

शिक्षक (पंचायत)

6000-175-25000+3500 अध्यापन भत्ता

3.

सहायक शिक्षक (पंचायत)

5000-150-20000+2500 अध्यापन भत्ता

 

उक्त वेतनमान के साथ 132 प्रतिशत मंहगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है।

स.  08 वर्ष से अधिक अवधि वाले कार्यरत संवर्ग के कर्मचारियों को शासकीय शिक्षकों के समतुल्य वेतनमान –

क्र.

वर्ग

वेतनमान

1.

व्याख्याता (पंचायत)

9300-34800+4300 ग्रेड वेतन

2.

शिक्षक (पंचायत)

9300-34800+4200 ग्रेड वेतन

3.

सहायक शिक्षक (पंचायत)

5200-20200+2400 ग्रेड वेतन

 

उक्त वेतनमान के साथ 132 प्रतिशत मंहगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है।

5.    अनुग्रह राशि -

सेवा के दौरान संवर्ग के कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को दिवंगत के छः माह के वेतन अथवा रू. 50,000/-, जो कम हो अनुग्रह राशि प्रदान की जाती है।

6. अनुकंपा नियुक्ति -

सेवा के दौरान संवर्ग के कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके पात्र आश्रित को सहायक शिक्षक (प.) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने का प्रावधान है।

7. अंशदायी पेंशन योजना -

दिनांक 01.04.2012 से अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। योजना के तहत कर्मचारी के मूल वेतन का 10 प्रतिशत की कटौती एवं उतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा अंशदान के रूप में जमा की जाती है।

सामान्यतः ग्रामों में सामाजिक कार्य सम्पन्न करने के लिए बड़े भवन उपलब्ध नहीं रहते है, अतः सामाजिक कार्य सहजता से सम्पन्न हो और गांव के विभिन्न वर्गो में समरसता की भावना विकसित होे इसे दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के 3 हजार से अधिक आबादी वाले ग्रामों में अटल समरसता भवन स्वीकृति की जा रही है।


योजना में माननीय मुख्यमंत्रीजी एवं माननीय मंत्रियों की घोषणाएं, जनदर्शन कार्यक्रम, माननीय सांसदगण/विधायकगण तथा पंचायत राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधिगण की अनुशंसाओं एवं कार्य की महत्ता व राशि की उपलब्धता को ध्यान में रखकर प्रशासकीय अनुमोदन पश्चात कार्यो की अनुशंसा जारी की जाती है। 


योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 में रूपये 7.70 करोड़ बजट प्रावधान था। जिसके विरूद्ध 39 अटल समरसता भवन (प्रति भवन लागत रूपये 19.39 लाख) कार्यो की लागत रूपये 756.21 लाख की अनुशंसा जिला पंचायतों को जारी की गई। माह दिसम्बर 2016 तक 19 कार्य पूर्ण किये जा चुके है तथा शेष कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में योजना के लिए राशि मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना से प्रदाय किया जा रहा है, जिससे दिसम्बर 2016 तक कुल 88 अटल समरसता भवन की अनुशंसा जिला पंचायतों को जारी की गई है।

मिनी स्टेडियम योजना वर्ष 2015-16 से प्रारंभ की गयी है। योजना का उददेश्य ग्रामीण अंचलों में निवासरत ग्रामीण युवकों में खेल के प्रति जागरूकता लाने एवं प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना हैं तथा खेल के लिए उपयुक्त मैदान उपलब्ध कराना है। मिनी-स्टेडियम का निर्माण 3000 या उससे अधिक आबादी वाले प्रदेश के ग्रामों में जहां तीन से पाँच एकड़ जमीन उपलब्ध है वहां स्वीकृत किये जा रहे है। मिनी स्टेडियम की इकाई लागत रूपये 51.24 लाख है, जिसमें अभिसरण अंतर्गत मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना से रूपये 31.61 लाख तथा मनरेगा मद से रूपये 19.63 लाख प्रदाय किया जा रहा है।


वर्ष 2015-16 में अभिसरण के तहत् कुल रूपये 6251.28 लाख की लागत से 122 मिनी स्टेडियम निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये, जिसके विरूद्ध माह दिसम्बर 2016 तक 37 मिनी स्टेडियम निर्माण पूर्ण हो चुके है।


वित्तीय वर्ष 2016-17 में योजना हेतु राशि मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना अंतर्गत प्रदाय की जा रही है। माह दिसम्बर 2016 तक रूपये 2715.72 लाख की लागत से कुल 53 मिनी स्टेडियम निर्माण कार्य की अनुशंसा जारी की गई है। 


योजना अंतर्गत पूर्ण किये गये मिनी स्टेडियम में जिम के उपकरण उपलब्ध कराने हेतु स्वामी विवेकानन्द युवा प्रोत्साहन योजना मद से रूपये 10-10 लाख उपलब्ध कराया गया है। उक्त राशि से 1- Outdoor Open Multigym,  2- Air Walker,  3-Chinup & Dipping Bars उपलब्ध कराये जाने के संबंध में संबधित जिला पंचायतों को निर्देशित किया गया है।

योजना अंतर्गत राज्य में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप गांव की गलियों में आंतरिक विद्युतीकरण के कार्य अनुशंसित किये जाते है। सामान्यतः ग्रामों तक तो विद्युत सुविधा उपलब्ध हो जाती है किन्तु गांव की आंतरिक गलियों में विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस समस्या को दृष्टिगत रखते हुए यह योजना प्रारंभ की गयी है। योजना में गली आंतरिक विद्युतीकरण कार्य हेतु शत-प्रतिशत राशि शासन द्वारा उपलब्ध करायी जाती है तथा कार्य का निष्पादन छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा किया जाता है।


योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 में रूपये 6.00 करोड प्रावधानित था। प्रावधानित राशि के विरूद्ध कुल 111 आंतरिक गलियों में विद्युतीकरण के कार्यो के लिए रूपये 599.28 करोड़ की अनुशंसा जारी की गई। 


वित्तीय वर्ष 2016-17 में रूपये 50.00 करोड बजट प्रावधान किया गया है। प्रावधानित राशि में से ग्रामीण क्षेत्रों में 1191 आंतरिक गलियों में विद्युतीकरण के कार्यो लिए रूपये 60.00 करोड़ की अनुशंसा जारी की जा चुकी है।

(19) छत्तीसगढ़ राज्य में पंचायत उपबन्ध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा)

  •  पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा केन्द्रीय अधिनियम के अनुरूप छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 129 में धारा 129-क से धारा 129-च तक में प्रावधान कर राजपत्र में प्रकाशित । अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम सभाओं तथा पंचायतों को उचित स्तरों पर विशेष कार्य दायित्व और शक्तियां प्रदत्त।
  •  पेसा कानून के प्रावधानों अनुरूप प्रदेश में पांचवी अनुसूची क्षेत्रों की पंचायतों में अध्यक्ष, जिला एवं जनपद पंचायत तथा सरपंच का 100 प्रतिशत पद अनुसूचित जनजाति समुदाय के अभ्यर्थियों के लिये आरक्षित ।
  • पेसा नियम की स्थिति - पेसा अधिनियम के अनुरूप प्रदेश में संबंधित विभागों जैसे - पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, वन, खनिज, राजस्व, आबकारी विभागों द्वारा अपने अधिनियमों में विशिष्ट उपबन्ध किया जा चुका है ।

 

विवरण

जिलों की संख्या

विकासखंडों / जनपद पंचायतों की संख्या

कुल जिले

27

146

पूर्ण रूप से आच्छादित पांचवीं अनुसूची जिले

3 (69 जनपद पंचायत)

 

85

आंशिक रूप से आच्छादित पांचवीं अनुसूची जिले

06 (06 जनपद पंचायत)

ग्राम पंचायतें

10,976 ग्राम पंचायतों में से 5,055 ग्राम पंचायतें पेसा अंतर्गत (46 प्रतिशत)

ग्राम

कुल 19567 आबाद ग्रामों में से 9977 (50.98 प्रतिशत)

 

  • पंचायतों और ग्राम सभाओं को उनकी ’’रूढ़िजन्य, विधि, सामाजिक और धार्मिक पद्वतियों और सामुदायिक संपदाओं की परम्परागत प्रबंध पद्वतियों’’ को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन एवं विवाद निपटान करने हेतु शक्तियां प्रदत्त।
  • ग्राम सभा की अध्यक्षता वही व्यक्ति कर सकता है, जो पंचायत का सरपंच, उपसरपंच या सदस्य न हो जिन्हें उस सम्मिलन में उपस्थित सदस्यों द्वारा बहुमत से चुना जाय।
  • राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार राज्य के स्वयं के राजस्व स्त्रोत से प्रतिवर्ष रू. 2.00 लाख की अतिरिक्त राशि पेसा क्षेत्र के प्रति ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • ग्राम सभा को सशक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश में मूलभूत की राशि से प्रति ग्राम सभा आयोजन हेतु रूपये 2000/- का व्यय किये जाने हेतु प्रावधान । व्यय के तहत ग्राम सभा के प्रचार प्रसार (पैम्पलेट/माईक), टेन्ट तथा अन्य व्यवस्था सम्मिलित।
  • भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से प्रदेश में संचालित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत पांचवी अनुसूची के जिलों में राज्य स्तर पर स्टेट पेसा सेल का गठन, 19 जिला समन्वयक एवं ब्लॉक समन्वयक तथा ग्राम सभा को सशक्त करने आर्थिक सहयोग ।
  • प्रदेश में पेसा अधिनियम के संबंध में राज्य/ जिला/ब्लॉक/ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यशालाओं/प्रशिक्षणों के आयोजन के माध्यम से व्यापक जागरूकता लाने की आवश्यकता ।

छत्तीसगढ़ में पांचवी अनुसूची

पूर्णतः पेसा जिले

आंशिक पेसा जिले

  1. कोरिया
  1. बिलासपुर
  1. कोरबा
  1. गरियाबंद
  1. सरगुजा
  1. राजनांदगाँव
  1. जशपुर
  1. बालोद
  1. कांकेर
  1. धमतरी
  1. जगदलपुर
  1. रायगढ़
  1. नारायणपुर

 

  1. बीजापुर

 

  1. दंतेवाड़ा

 

  1. सुकमा

 

  1. कोण्डागाँव

 

  1. सूरजपुर

 

  1. बलरामपुर